पीयूष पांडे
वीडियो शेयरिंग साइट यूट्यूब पर करोड़ों वीडियो उपलब्ध हैं। रोज़ाना लाखों वीडियो यहां अपलोड किए जाते हैं। दिलचस्प यह कि यहां आपकी जरुरत और पसंद का लगभग हर वीडियो उपलब्ध है। यूट्यूब को गूगल ने साल 2006 में 1.65 बिलियन डॉलर में खरीद लिया था और उसके बाद से इसकी लोकप्रियता में जबरदस्त उछाल आ चुका है। लेकिन, सवाल यूट्यूब की उपयोगिता का नहीं है। वो तो दुनिया देख ही रही है। सवाल है यूट्यूब पर बहते कट्टरपंथ के ज़हर का, जो हमें सीधे सीधे दिखायी नहीं दे रहा है।
यूट्यूब पर ऐसे लाखों वीडियो उपलब्ध हैं, जिनमें जबरदस्त तरीके से कट्टरपंथ का ज़हर उगला गया है। भारतीय संदर्भ में बात करें तो भारत-पाकिस्तान के बीच एक जंग यूट्यूब पर भी चल रही है। किसी वीडियो में एक 13 साल की हिन्दू साध्वी पाकिस्तान के खिलाफ यह कहते हुए दिखायी देती है- ‘कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा’ तो दूसरी ओर इसी वीडियो के जवाब में एक पाकिस्तानी तकरीर करते हुए दिखता है कि ‘कश्मीर भी होगा और पाकिस्तान भी होगा। भारत अपनी फिक्र करे।‘
यूट्यूब एक ऐसी वेबसाइट है, जहां कोई भी शख्स अपना एक खाता बनाकर कोई भी वीडियो अपलोड कर सकता है। इसी सुविधा का लाभ कट्टरपंथी भी ले रहे हैं। कभी कौतुहलवश, कभी जानबूझकर, कभी नादानी में तो कभी शरारत में आम लोग भी इन वीडियो का प्रचार कर रहे हैं। फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट के माध्यम से जहरबुझे यह वीडियो जंगल में आग की तरह फैल रहे हैं। भारतीय होने के नाते आपको पाकिस्तानियों के वीडियो न केवल असहज कर सकते हैं बल्कि एक आक्रोश भी पैदा कर सकते हैं। संभवत; यही हाल पाकिस्तान में बैठे लोगों का भी होगा।
तस्वीरों की ताकत शब्दों से कई गुना अधिक होती है, लिहाजा इन वीडियो का प्रभाव जहरीले शब्दों से कहीं अधिक है। इंटरनेट की दुनिया में गूगल की तरह यूट्यूब भी एक तरह का वरदान है, लेकिन इस तरह के वीडियो की सहज उपलब्धता के असर को अभी हम समझ नहीं पाए हैं। कट्टरपंथियों के वीडियो में गलतबयानी है लेकिन वो ऐसा कर सकते हैं क्योंकि यहां उन्हें कोई रोकने वाला नहीं है। फिलहाल, सबसे पहले यही किया जा सकता है कि इस तरह के वीडियो का हम प्रचार न करें और करने वालों को ऐसा करने से रोकें। क्योंकि वीडियो अपलोड करने वालों को तो नहीं रोका जा सकता। हां, अगर इन वीडियो के दर्शक कम हुए तो शायद अपलोड करने वालों का हौसला कुछ पस्त हो।
काबिल-ए-गौर
एक अध्ययन के मुताबिक भारत में इस साल ट्विटर उपयोक्ता की संख्या दोगुनी हो चुकी है। भारत में अब करीब 82 लाख लोग ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से एक तिहाई ट्विटर के सक्रिय उपयोक्ता हैं।
फेसबुक चकल्लस
संटू(बंटू से)-यार,तेरी सबसे बड़ी ताकत क्या है?
बंटू-मेरी पत्नी
संटू-वाह..तू तो बड़ा पत्नीव्रता है..खैर ये बता तेरी सबसे बड़ी कमजोरी क्या है
बंटू-अबे ये क्या पूछ लिया तूने। मेरी सबसे बड़ी कमजोरी दूसरों की पत्नी हैं।
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