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अक्षय कुमार - बॉलीवुड का खिलाड़ी कुमार

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भारत मल्होत्रा


राजीव हरिओम भाटिया के अक्षय कुमार बनने की कहानी कम फिल्‍मी नहीं है। पंजाब के पवित्र नगर अमृतसर में जन्‍म (9 सितंबर 1967) और परवरिश पुरानी दिल्‍ली के चांदनी चौक इलाके में। नौकरी थाइलैंड में और कॅरियर मायानगरी मुंबई में। कर्राटे के पैंतरों से अभिनय की बारीकियों तक। अक्षय ने सब सीखा। सब किया। सब जिया। पूरी शिद्दत के साथ। सबको आत्‍मसात किया। सब जगह अपना मुकाम बनाया। एक खास मुकाम।  सब जगह अपनी पहचान गढ़ी। अपनी छापछोड़ी। और यह सिलसिला लगातार जारी है... बिना किसी गॉडफादर के।
  
चांदनी चौक टू मुंबई का सफर किसी सुपरहिट बॉलीवुड मसाला फिल्‍म की कहानी की तरह अक्षय के जीवन में घटित हुआ। दिल्‍ली में वह एक पड़ोसी के घरपले-बढ़े। लेकिन, दिल्‍ली खासकर पुरानी दिल्‍ली की गलियां, बोलियां, लहजा और स्‍वाद अक्षय के जेहन में इतना अंदर तक समाया है कि ऑन-स्‍क्रीन हो या ऑफ-स्‍क्रीन चांदनी चौक का वह अल्‍हड़पन गाहे-बगाहे नजर आ ही जाता है।पिता सरकारी नौकर थे, लेकिन अक्षय बचपन से ही दिल में कुछ अलग करने की ठान चुके थे। डांस का शौक तो होश संभालने के साथ ही पैदा हो गया था। रिश्‍तेदारी में कोई भी फंक्‍शन हो, उनके डांस के बिना अधूरा समझा जाता। लेकिन, शायद तब तक उन्‍होंने भी फिल्‍मों में आने के बारे में नहीं सोचा था। इसी दौरान वे कर्राटे की ट्रेनिंग लेने थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक गए। वहां ट्रेनिंग के साथ-साथ उन्‍होंने एक होटल में बतौर शेफ और वेटर तक काम किया। कुछ वक्‍त वहां बिताने के बाद अक्षय मुंबई आ गए। शायद यह एक नए सफर की शुरुआत थी।
 
हालांकि, अभी तक खुद अक्षय भी आने वाले वक्‍त की आहट तक से बेखबर थे। मुंबई में अक्षय ने कर्राटे सिखाने का काम शुरू किया। अपने एक स्‍टूडेंट, जो एक फोटोग्राफर था, की सलाह पर अक्षय ने मॉडलिंग में हाथ आजमाने शुरू किए। पहले ही असाइनमेंट के लिए उन्‍हें पांच हजार रुपए मिले। जबकि कर्राटे सिखाकर वह बामुश्किल चार हजार रुपए ही कमा रहे थे।
 
अक्षय को समझते देर न लगी कि इस नए रास्‍ते पर चलकर मंजिल पायी जा सकती है। दो महीने मॉडलिंग करने के बाद प्रमोद चक्रवर्ती ने उन्‍हें अपनी फिल्‍म 'दीदार' (1992) में रोल दिया। कहते हैं कि कई बार महज एक नाम आपको नयी पहचान और मुकाम दे देता है। अक्षय के साथ भी यही हुआ। राजीव भाटिया से अक्षय कुमार तो वह बन ही चुके थे।
 
लेकिन अक्षय कुमार को नयी पहचान और नया मुकाम दिया 'खिलाड़ी' ने। 1992 में ही आई यह फिल्‍म ऋषि कपूर की 'खेल-खेल में' से प्रेरित थी। लेकिन, इस फिल्‍म के बाद अक्षय के नाम के साथ 'खिलाड़ी' हमेशा लिए चस्‍पां हो गया। अक्षय और खिलाड़ी का मेल कामयाबी की गारंटी माना जाने लगा। खिलाडि़यों का‍ खिलाड़ी, सबसे बड़ा खिलाड़ी, इंटरनेशनल खिलाड़ी, मैं खिलाड़ी, तू अनाड़ी जैसी फिल्‍मों में अक्षय ने जमकर एक्‍शन किया और वे कामयाब भी रहीं।  अक्षय के कॅरियर पर नजर डाली जाए तो उसे मोटे तौर पर तीन हिस्‍सों में बांटा जा सकता है।
 

नब्‍बे के दशक में वे एक एक्‍शन हीरो के तौर पर पहचान बना रहे थे। सौगंध, सैनिक, वक्‍त हमारा है, सुहाग 'मोहरा' (1994), खिलाड़ी और एलान जैसी फिल्‍मों में अक्षय ने अपने एक्‍शन का जलवा दिखाया। हालांकि, साथ ही साथ वे रोमांटिक फिल्‍मों में भी नजर आते रहे। ये दिल्‍लगी (1994) जैसी फिल्‍मों में उन्‍होंने रोमांटिक किरदार भी निभाया। अब रोमांटिक और कॉमेडी फिल्‍मों का दौर दस्‍तक दे रहा था। अक्षय ने भी इस बदलते वक्‍त के साथ खुद को ढ़ाला और अलग तरह की फिल्‍मों में काम करते नजर आने लगे। मिस्‍टर एंड मिसेज खिलाड़ी, दिल तो पागल है और अफलातून जैसी फिल्‍मों से उन्‍होंने अपनी छवि तोड़ने की  शिश की। लोगों ने उन्‍हें बतौर विलेन भी पसंद किया, जब साल 2001 में वह 'अजनबी' में नजर आए। संयोग देखिए इस फिल्‍म के लिए अक्षय को सर्वश्रेष्‍ठ विलेन का फिल्‍मफेयर पुरस्‍कार भी मिला। धड़कन का रूमानी पति हो या हेरा-फेरी का राजू।

 
अक्षय अब रोमांटिक और कॉमेडी के रंग में ढ़लने लगे थे। जानकार मानते हैं कि कॉमेडी करते वक्‍त अक्षय का 'दिल्‍लीपन' ज्‍यादा उभरकर सामने आता है। हेरा-फेरी में उनके साथ सुनील शेट्टी और परेश रावल जैसे कलाकार भी थे। अक्षय का अभिनय फिल्‍म दर फिल्‍म निखरता गया। खाकी, मुझसे शादी करोगी,ऐतराज, वक्‍त, आवारा पागल दीवाना, आंखें, गरम मसाला, फिर हेरा-फेरी जैसी फिल्‍मों ने उनके प्रशंसकों को निराश होने का मौका नहीं दिया। कटरीना कैफ के साथ उनकी जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया। इस जोड़ी ने हमको दीवाना कर गए, नमस्‍ते लंदन, सिंह इज किंग, वॅलकम, ब्‍लू, तीस मार खां और दे दना दन जैसी फिल्‍मों में काम किया। और इनमें से अधिकतर फिल्‍मों को दर्शकों ने खूब पसंद किया। उनकी कॉमेडी फिल्‍मों की फेरहिस्‍त में, हाउसफुल, हाउसफुल-2, देसी ब्‍वॉयज जैसी फिल्‍मों को शामिल किया जा सकता है। वहीं आर के लक्ष्‍मण के कॉर्टून चरित्रों से प्रेरित 'खट्टा-मीठा' पारिवारिक ताने-बाने में बुनी समाज पर एक तीखा व्‍यंग्‍य करती फिल्‍म थी।
 
अपने करियर में अक्षय ने अनेक हीरोइनों के साथ काम किया। एक दौर में उनका नाम रवीना टंडन और शिल्‍पा शेट्टी के साथ जुड़ा। लेकिन, अक्षय ने टि्वंकल खन्‍ना जो, हिन्‍दी फिल्‍मों के पहले सुपरस्‍टार राजेश खन्‍ना और डिंपल कपाडि़या की बेटी हैं ,के साथ शादी कर इन अटकलों को पूरी तरह विराम दे दिया। आज अक्षय का एक दस साल का बेटा आरव है। हाल ही में जब राजेश खन्‍ना की तबीयत खराब थी तब अक्षय ने परिवार को एकजुट करने का काम किया। राजेश खन्‍ना के निधन के समय भी उन्‍होंने परिवार को साथ रखा।
 
  
हाल ही में 'राउडी राठौर' से अक्षय ने एक बार फिर एक्‍शन फिल्‍मों का रुख किया और दर्शकों ने उन्‍हें सिर आंखों पर बैठाया  इसके साथ ही अक्षय जल्‍द ही 'खिलाड़ी 786', 'वॅन्‍स अपॉन ए टाइम अगेन', ओएमजी, 'ओह माई गॉड'जैसी फिल्‍मों में भी नजर आएंगे। लेकिन, इन सबसे पहले अक्षय की फिल्‍म'जोकर' पर्दे पर आएगी। यह फिल्‍म 31 अगस्‍त 2012 को रिलीज होगी।


 

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